HINDI POEM BY POONAM AGARWAL (VEERA)
- 2 Posts
- 1 Comment
दो आंशु
अनचाहे ही अपनी पलकों से,
दो बूँद आंसू मैंने बहा दिए,
वो बह गए मेरे गालों पर और बोले मेरे कानों में,
क्यों जुदा किया हमको,
यह प्यारा आशियाँ बनाया था हमने सालों से ॥
किस भूल कि हमको दी सजा,
हमको अपने ही घर से होना पड़ा हमको जुदा,
अछा मेरे सपनो के महल
तुमको कहते हैं हम “पूनम” अलविदा ||
पूनम अग्रवाल (मीनू)
Read Comments